पंचायत सचिव पर सरपंच ने लगाए घोटाले के गम्भीर आरोप पुख्ता साक्ष्य कराए उपलब्ध
रिपोर्ट – शेराज खान
छत्तीसगढ़ प्रदेश के जशपुर जिला अन्तर्गत जनपद पंचायत बगीचा के ग्राम पंचायत बम्बा में पंचायत सचिव हुलास साई पैकरा पर पंचायत निधियों और संसाधनों के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगे हैं। ग्राम पंचायत के सरपंच जी ने इस मामले को उजागर करते हुए बताया कि पंचायत के लिए 2020 में खरीदे गए दो कंप्यूटरों का उपयोग पंचायत कार्यों के बजाय व्यक्तिगत लाभ के लिए किया जा रहा है। इस पूरे प्रकरण का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें सरपंच जी ने इस धांधली की पुष्टि की है।
कंप्यूटरों का दुरुपयोग:
2020 में ग्राम पंचायत बम्बा में पंचायत के कामकाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए दो कंप्यूटर खरीदे गए थे। ये कंप्यूटर पंचायत कार्यों में तेजी और पारदर्शिता लाने के लिए आवश्यक थे, लेकिन सूत्रों के अनुसार इनमें से एक कंप्यूटर सचिव हुलास साई पैकरा ने अपने निजी उपयोग के लिए अपने घर पर रख लिया है। दूसरा कंप्यूटर सरपंच जी के घर पर छोड़ दिया गया, जिसे अब तक चालू तक नहीं किया गया है। सरपंच ने खुलासा किया है कि ये दोनों कंप्यूटर पंचायत कार्यों में कभी उपयोग में नहीं लाए गए, और इस वजह से पंचायत में डिजिटल रिकॉर्ड रखने और आवश्यक दस्तावेज तैयार करने जैसे कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
पंचायत कार्यालय का समय और कामकाज:
ग्रामवासियों ने यह भी बताया कि पंचायत सचिव हुलास साई पैकरा पंचायत कार्यालय को सप्ताह में केवल एक या दो दिन ही खोलते हैं। इस अनियमितता के कारण पंचायत से संबंधित कार्यों में देरी होती है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। सरकारी निर्देशों के अनुसार पंचायत कार्यालय को पूरे सप्ताह नियमित रूप से खुला रहना चाहिए ताकि जनता को उनके कार्यों के लिए पंचायत में बार-बार न आना पड़े। लेकिन सचिव द्वारा कार्यालय में न तो नियमित उपस्थिति दी जा रही है और न ही पंचायत कार्यों का उचित संचालन किया जा रहा है। इस स्थिति के चलते ग्रामवासियों को अपने दैनिक कार्य, जैसे कि श्रमिक कार्ड (जॉब कार्ड) बनवाने, राशन कार्ड संबंधित समस्याओं के समाधान, और मनरेगा के तहत भुगतान की प्रक्रिया के लिए बार-बार पंचायत के बजाए बगीचा ब्लॉक मुख्यालय जाना पड़ता है, जिससे उनकी मेहनत और समय दोनों बर्बाद होते हैं।
ग्रामवासियों का आक्रोश और सरपंच का बयान:
ग्राम पंचायत के सरपंच ने वीडियो में पंचायत सचिव के इस व्यवहार पर कड़ा विरोध जताया है। सरपंच ने बताया कि पंचायत के कार्यों में सुधार लाने और जनता की सेवा के उद्देश्य से इन कंप्यूटरों को खरीदा गया था, लेकिन सचिव के द्वारा किए जा रहे इस दुरुपयोग से पंचायत के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। सरपंच का यह भी कहना है कि पंचायत सचिव अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाह हैं और उनके इस व्यवहार से ग्रामवासियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। ग्रामवासियों ने इस मामले में सरपंच जी का समर्थन करते हुए पंचायत सचिव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि पंचायत सचिव की इस अनियमितता और लापरवाही से गांव का विकास ठप हो गया है और इसके कारण ग्रामवासियों को प्रशासनिक कार्यों के लिए अतिरिक्त मेहनत और समय गंवाना पड़ता है।
कार्रवाई की मांग:
ग्रामवासियों ने जिला प्रशासन से पंचायत सचिव द्वारा की जा रही धांधली की जांच करवाने और उचित कार्रवाई करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पंचायत कार्यालय को नियमित रूप से खोलना चाहिए ताकि जनता की समस्याओं का समाधान समय पर हो सके। इसके अतिरिक्त, पंचायत के कंप्यूटरों का उपयोग गांव के डिजिटल कार्यों में किया जाना चाहिए, न कि व्यक्तिगत जरूरतों के लिए। इस मामले में सरपंच जी के बयान और उनके द्वारा दिए गए वीडियो साक्ष्य के आधार पर पंचायत सचिव हुलास साई पैकरा के खिलाफ जांच आवश्यक है।
सरपंच का संदेश:
सरपंच जी ने स्पष्ट रूप से कहा कि पंचायत एक जिम्मेदारी भरा पद है और सभी पंचायत सदस्यों को ग्रामवासियों के हित में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत का हर संसाधन गांव के विकास के लिए होना चाहिए और किसी भी प्रकार की धांधली को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरपंच ने अपने बयान में कहा, “गांव के लोग हमारे भरोसे हैं और उनकी सेवा करना हमारा फर्ज है। हम पंचायत के प्रत्येक संसाधन का सही उपयोग सुनिश्चित करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि गांव के विकास में कोई भी रुकावट न आए।”
इस पूरे मामले के उजागर होने के बाद प्रशासन और ग्राम पंचायत के उच्च अधिकारी अब इस प्रकरण की जांच में जुटे हुए हैं। उम्मीद की जा रही है कि सरपंच जी के इस साहसिक कदम से पंचायत के कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी, और पंचायत सचिव पर उचित कार्रवाई की जाएगी।