अयोध्या: हर मन में राम… चहुंओर गूंज रहा जय श्रीराम, रामलला के स्वागत में सड़कों को रोशन करेंगे 40 सूर्यस्तंभ

रिपोर्ट – अजय मिश्र
अयोध्या रामनगरी इन दिनों राममय हो चुकी है। रामनगरी के कोने-कोने में उल्लास छलक रहा है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है, लेकिन उससे पहले ही रामलला के दर्शन को देश-विदेश के श्रद्धालु उमड़ पड़े हैं। हर मन में सिर्फ रामलला के दर्शन की लालसा दिख रही है। अयोध्या में रोजाना 50 हजार श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
राममंदिर निर्माण का साक्षी बनने के लिए पूरा भारत तो उमड़ ही पड़ा है, विश्व के कोने-कोने से भी भक्त पहुंच रहे हैं। बुधवार सुबह 10:30 बजे रामजन्मभूमि पथ पर भक्तों का रेला लगा था। इस रेले में देश-विदेश के श्रद्धालु नजर आ रहे थे। कोई गुजरात से था, तो कोई मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र, बिहार तो कोई उत्तर प्रदेश से था। कई श्रद्धालु विदेश से आए हुए थे। हर मन में सिर्फ रामलला के दर्शन की उत्कंठा दिख रही थी। जो दर्शन को जा रहे थे उनके चेहरे पर बेसब्री का भाव था, जो लौट रहे थे वे निहाल नजर आ रहे थे। सभी उत्साहित थे, जय श्रीराम का उद्घोष कर रहे थे।
पंजाब से आए सतनाम सिंह बोले अयोध्या बहुत चंगी लग रही है। भव्य मंदिर बन गया है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद फिर दर्शन करने आएंगे। गुजरात के मोहन भाई ने कहा कि दो साल पहले अयोध्या आए थे। इन दो सालों में अयोध्या की सूरत ही बदल गई है। इस बदलाव की आधारशिला राममंदिर का निर्माण ही है। दिल्ली से आए शिक्षक जतिन शर्मा कैसे लग रही है अयोध्या… सवाल करते ही जय श्रीराम का उद्घोष करने लगे। बोले हमारे बाबा भी मंदिर आंदोलन में कारसेवा के दौरान अयोध्या आए थे, आज उनका सपना साकार हो रहा है।
मध्य प्रदेश से महिलाओं का जत्था दर्शन को जा रहा था। सिंगला देवी ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के समय अयोध्या में बहुत भीड़ हो जाएगी इससे पहले ही रामजी का दर्शन करने चले आए हैं। रामभक्तों का जयघोष केवल राम जन्मभूमिपथ पर ही नहीं, बल्कि हनुमानगढ़ी, कनक भवन, सरयू तट व रामघाट स्थित कार्यशाला में भी गूंज रहा था। कार्यशाला में तराशे गए पत्थरों पर श्रद्धालु माथा टेक रहे थे तो कोई इनके साथ सेल्फी ले रहा था।
विदेशी भक्तों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। पत्नी रोजीना के साथ रामलला का दर्शन कर लौट रहे अमेरिका के क्रिस लान बोले कि अयोध्या लुक्स लाइक ए डिवाइन प्लेस…। उनका कहना था कि वे रामलला का दर्शन कर सौभाग्यशाली महसूस कर रहे हैं। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरपी यादव ने बताया कि विदेशी श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने कहा कि रामलला के दरबार में 10 से 15 हजार की भीड़ होती थी लेकिन इस समय 25 से 30 हजार श्रद्धालु रोजाना दर्शन को पहुंच रहे हैं।
राममंदिर स्थापत्य कला का भी बेजोड़ नमूना होगा। राममंदिर की दीवारों पर सनातन संस्कृति के दर्शन होंगे। मंदिर के सभी स्तंभों व परकोटे में देवी-देवताओं व रामकथा के प्रसंगों की सात हजार मूर्तियां उकेरने का काम तेजी से चल रहा है। 50 से अधिक मूर्तिकार स्तंभों पर मूर्तियां उकेरने में जुटे हैं। स्तंभों पर भगवान श्रीकृष्ण, शंकर, गणेश, माता लक्ष्मी आदि देवी-देवताओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं।
भूतल के स्तंभों में मूर्तियां उकेरने का 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है। इसको लेकर थीम भी तय की गई है। भगवान राम के पैदा होने से लेकर उनके वनवास तक के जीवन को मंदिर में दर्शाया जा रहा है। इसके साथ ही रावण से युद्ध और लंका दहन से लेकर घर वापसी तक की कहानी को चित्रों के माध्यम से दीवारों पर उकेरा जा रहा है।