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ब्राह्मण समाज के साथ साथ बुरहानपुर का किया नाम रौशन, देश ही नहीं विदेशों में ऑनलाईन टेरोरीडिंग एवं कंसलटेंटी से बनाई अपनी अलग पहचान

रिपोर्ट डॉ.आनंद दीक्षित

बुरहानपुर। प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती। भारत युवाओं का देश है और युवा वर्ग में टैलेंट की कोई कमी नहीं है, जरूरत है तो बस उसे सही दिशा देने की और ये दिशा दी हैं बुरहानपुर विद्युत विभाग में कार्यरत सुनील बरोले एवं टोडलर्स किंडर गार्डन की प्रिसिंपल अनामिका बरोले ने।

इंटरनेशनल बुक का रिकार्ड मे *यंगेस्ट टेरो कॉर्ड रीडर (फिमेल)* केटेगरी में बुरहानपुर की बेटी सिद्धि बरोले ने अपना नाम दर्ज करा कर नया रिकार्ड बनाया है। सिद्धि ने यह उपलब्धि 19 वर्ष 29 दिन की उम्र में हासिल की है, जो कि इंटरनेशनल रिकार्ड है। यह अवार्ड अमृतसर में आयोजित अवार्ड सेरेमनी में प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे द्वारा प्रदान किया गया।

सुनील बरोले एवं टोडलर्स किंडर गार्डन की प्रिसिंपल अनामिका बरोले की सुपुत्री सिद्धि ने बताया कि अध्यात्मिकता की ओर उसका रूझान कक्षा 12 के बाद से ही होने लगा था तथा उन्होंने अपनी शिक्षा के साथ-साथ रैकी ग्रेंड मास्टर, टेरोकार्ड रीडर , क्रिस्टल थेरेपिस्ट, लामाफेरा मास्टर, न्यूमेरोलॉजिस्ट, सेवन चक्रा हीलर एवं वास्तु कंसलटेंट जैसी विधाओं में बैंगलोर, औरंगाबाद, मुंबई, दिल्ली इत्यादि शहरों में शिक्षा ग्रहण कर विशेष योग्यता हासिल की। सिद्धि विगत तीन वर्षों से इन सब विधाओं में पारंगत होकर स्पिरीच्यूल हीलर एवं लाईफ मैनेजमेंट कोच के रूप में प्रोफेशनल तौर पर कार्य कर रही है तथा ऑनलाईन एवं व्यक्तिगत संपर्क से देश के बडे शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली, पूणे, इंदौर, अहमदाबाद, औरंगाबाद इत्यादि के साथ-साथ विदेशों में ऑनलाईन टेरोरीडिंग एवं कंसलटेंटी से अपनी अलग पहचान बनायी है । सिद्धि ने टेरोकार्ड के इतिहास के बारे में बताया कि इस विधा की शुरूआत लगभग 2000 वर्ष पूर्व सेल्टिक नामक देश में हुई थी, लेकिन वर्तमान में यह विधा पूरे विश्व में काफी मशहुर एवं प्रामाणिक है। इस विधा में भूत , वर्तमान एवं भविष्य के बारे में प्रामाणिक तौर पर आपकी स्थिति के बारे में बताया जाता है तथा भविष्य के लिये सही और सटीक मार्गदर्शन मिलता है। यह ज्योतिष विद्या का ही एक रूप है, जिससे व्यक्ति को सही मार्गदर्शन मिलता है। पूर्व में यह रिकार्ड दिल्ली की एक 21 वर्षीय महिला के नाम पर था, जिसे बुरहानपुर की सिद्धि ने तोडकर अपने नाम कर लिया है । सिद्धि ने यह भी बताया कि इसके बाद अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड और लिमका बुक ऑफ रिकार्ड में भी अपना नाम दर्ज कराने का प्रयास कर रही है। सिद्धि की इस उपलब्धि पर माता-पिता, परिवारजन, ब्राह्मण समाजजन एवं स्नेहिजन अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

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