बाहरी निर्माता के द्वारा फिल्म की रोक लगाई जा रही
रिपोर्ट राकेश कुमार साहू।
रायपुर// बेमेतरा//जांजगीर चांपा
हाल ही में एक फिल्म बनी थी जिसका नाम था काहे के चिंता है काका जिंदा है की फिल्म के निर्माता के द्वारा छत्तीसगढ़ विधानसभा के विधायक माननीय ईश्वर प्रसाद साहू के जीवन पर घटित घटनाओं पर आधारित एक फिल्म बनाई जा रही है जिस पर बाहरी कलाकारों एवं बाहरी निर्माता के द्वारा विधायक के पास आकर मुलाकात की गई कि हम जो फिल्म बनाएंगे वह छत्तीसगढ़ के कलाकारों को लेकर हम फिल्म नहीं बनाएंगे हम हिंदी फिल्म जगत के हीरो हीरोइन को लेकर फिल्म बनाएंगे जो फिल्म बना रहे हैं छत्तीसगढ़ के निर्माता निर्देशक दंगल द वीरनपुर इस फिल्म को बनाने की अनुमति हमें दिया जाए और हम हिंदी एवं छत्तीसगढ़ी भाषा पर बनेंगे हमारे कलाकारों को लेकर मगर हम छत्तीसगढ़ के कलाकारों को नहीं लेंगे इस तरह की घटनाएं घटने जा रही है।
यह भी बात विदित है कि निर्माता हेमलाल चतुर्वेदी का कहना यह है कि छत्तीसगढ़ के कलाकारों को हिंदी फिल्म जगत के निर्माता निर्देशक लोग पसंद नहीं करते हैं इसलिए हम हमारे हिंदी फिल्म जगत के कलाकारों को लेकर हम फिल्म बनाएंगे यह उन्होंने कहा तथा यह भी बात विदितहुई है कि फिल्म के निर्माता का कहना यह है कि हम केवल छत्तीसगढ़ के कलाकारों को लेकर छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति एवं छत्तीसगढ़ के कलाकारों को लेते हुए हम फिल्म बनाने जा रहे हैं इसमें होता क्या है कि छत्तीसगढ़ के लोगों की टैलेंट को देखा जा सकेगा छत्तीसगढ़ के सिनेमाघर में और साथ ही साथ उत्साहवर्धन होता है क्योंकि छत्तीसगढ़ के कलाकारों में जो कलक है उसे हम दिखाना चाहते हैं फिल्मों के माध्यम से।
माननीय विधायक ईश्वर साहू से इस संबंध में मुलाकात की गई निर्माता निर्देशक एवं हीरो माननीय हेमलाल चतुर्वेदी जी एवं हीरो पवन गांधी के द्वारा तो ईश्वर साहू ने कहा कि आप फिल्म की शूटिंग की डेट फाइनल कीजिए मैं शुभ मुहूर्त करूंगा आप निश्चिंत रहिए मैं मेरे जीवन पर आधारित जो फिल्म बनाई जा रही है उसे पर किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं होने दूंगा मैं केवल छत्तीसगढ़ के निर्माता निर्देशक छत्तीसगढ़ के कलाकारों की कला को देखना चाहता हूं या उन्होंने कहा।
फिल्म के निर्माता हेमलाल चतुर्वेदी की जुबानी
हम छत्तीसगढ़ के कलाकारों को ही प्राथमिकता देंगे और बाहरी कलाकारों को हमारे इस फिल्म में अनुमति नहीं देंगे क्योंकि छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ के लोगों को उत्साहवर्धन करना है फिल्मों में रोल देकर हमारी एक और फिल्म आई थी काहे के चिंता है काका जिंदा है फिल्म में विरोध किया गया था सिनेमाघर से पोस्टर को निकलवाया गया था एवं फिल्मों की प्रदर्शन पर रोक लगवाया गया था उसके बावजूद भी हमने इस फिल्म को यूट्यूब के माध्यम से हमने चलाया था मोबाइल में मगर हमें 500000 मिलियन मिले थे जो कि हमें काफी अच्छा लगा क्योंकि हमारी फिल्म सिनेमा घरों में नहीं देखे मगर हमने फिल्मों को सारे मोबाइलों में दिखा दिया इससे हमें प्रभावित होकर हमने बेमेतरा साजा के विधायक माननीय ईश्वर साहू के जीवन पर आधारित दंगल द वीरनपुर को अनुमति लिया है बनाने के लिए जिसका विधायक के द्वारा हमें अनुमति मिल चुका है और हम जल्द से जल्द इस फिल्म की शूटिंग चालू करेंगे।
पवन गांधी की जुबानी।
फिल्म के हीरो का कहना यह है कि इस फिल्म को कोई नहीं रोक सकता हमें तो विधायक से अनुमति मिल चुकी है उनके जीवन पर आधारित घटित घटनाओं पर हमने फिल्म बनाने का निर्णय जो लिया है और अनुमति पश्चात हम शूटिंग जल्द से जल्द चालू करेंगे और जल्द से जल्द शूटिंग पूरी होने के पश्चात हम फिल्मों को छत्तीसगढ़ के समस्त सिनेमाघर में एक साथ प्रदर्शित के लिए भेजेंगे।
पवन गांधी का यह भी कहना है कि हम बाहरी कलाकारों को लेकर इस फिल्म का निर्माण हम नहीं करेंगे क्योंकि हम छत्तीसगढ़ वीडियो में इतना भरोसा है कि छत्तीसगढ़ के कलाकारों की मानसिकता को हमको देखना है और छत्तीसगढ़ के कलाकारों को लेकर ही हम फिल्म बनाएंगे और यह फिल्म सफलतापूर्वक निर्माण होगा और सफलतापूर्वक किस फिल्म का प्रदर्शन भी किया जाएगा।
हमारे संवाददाता का कहना यह है कि एवं स्टार प्रचारक का कहना यह है कि राकेश कुमार साहू की जुबानी।
छत्तीसगढ़ के कलाकारों को लेकर फिल्म बनाना अच्छी प्रतिशाद होती है एवं फिल्मों का निर्माण होता है तो छत्तीसगढ़ के लोगों को छत्तीसगढ़ी भाषा का अच्छी तरह से ज्ञान होता है बाहरी कलाकारों को छत्तीसगढ़ी भाषा का ज्ञान नहीं होता है उनको सीखने का वक्त लगता है जिस तरह से विधायक ईश्वर साहू के नाम पर फिल्म जो बनाई जा रही है दंगल द वीरनपुर वह निर्माण होकर रहेगा और छत्तीसगढ़ के समस्त सिनेमाघर में एक साथ प्रदर्शित होगा क्योंकि छत्तीसगढ़ महतारी का आशीर्वाद हमेशा छत्तीसगढ़ के कलाकारों को मिलता रहता है जिसके चलते छत्तीसगढ़ी भाषा की फिल्में हमेशा सफल होती है और अवार्ड भी दिलाता है सिनेमा अवार्ड।
वैसे देखा जाए तो बाहरी कलाकारों को अनुमति नहीं देना चाहिए क्योंकि हमारा एक दूरदर्शन केंद्र भी नहीं बना है इतने साल हो गए छत्तीसगढ़ राज्य बने 24 से 25 साल होने को है मगर छत्तीसगढ़ी भाषा की एक भी चैनल हमारी पहचान को नहीं दिखा पा रही है सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के द्वारा हमारा छत्तीसगढ़ी भाषा का चैनल बनाया ही नहीं गया है।