विद्याभारती -शिक्षार्थ आइए,सेवार्थ जाइये भाव को लेकर कार्य करती है – महेश्वरी

रिपोर्टर अमित जैन
रायसेन/बरेली – गुरुवार को विद्याभारती मध्यभारत प्रान्त के भोपाल विभाग का नव चयनित आचार्य विकास वर्ग 2024 का आयोजन सरस्वती विद्या मंदिर शारदा नगर बरेली चल रहा है।वर्ग के सातवें दिन मुख्य वक्ता निखिलेश महेश्वरी प्रान्त संगठन मंत्री मध्यभारत प्रान्त ने पंचकोष विकास की अवधारणा विषय पर वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा कि आचार्यगण विद्याभारती के विचार को समझने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है। विद्याभारती का आधार शिक्षार्थ आइए, सेवार्थ जाइये इस भाव को लेकर हम कार्य करते है। हम चरित्र निर्माण का कार्य कर रहे है।मुगलकाल,ब्रिटिश काल में हमारी प्राचीन शिक्षा पद्धति को नष्ट किया गया। गुरुजी के मार्गदर्शन में 1952 में प्रथम सरस्वती शिशु मंदिर गोरखपुर उ प्र में प्रारम्भ हुआ।विद्याभारती का लक्ष्य बालक का सर्वांगीण विकास है।पंचकोष में अन्नमय कोष ,मनोमय कोष,प्राणमय कोष , विज्ञानमय कोष,आनंदमय कोष से बालक का सर्वांगीण विकास होगा।
बच्चों के मनोविज्ञान को समझते हुए उनका विकास करना है,बच्चों में सामाजिक सहयोग,नैतिक विकास रचनात्मक सोच,प्रकृति के प्रति सकारात्मक सोच ,मानवीय गुणों का विकास करना है।
संबाद सत्र में राजीव भार्गव जिला सह संपर्क प्रमुख राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दीपक चंदेवा विभाग समन्वयक भोपाल विभाग, दिनेश सिंह राठौड़ वर्ग संयोजक, विनोद साहू हीरेन्द्र मालवीय एवं संचालन टोली के सदस्य उपस्तिथ रहे।