समुद्र मंथन में अमृत लेकर प्रकट हुए थे भगवान धन्वंतरि
रिपोर्टर सुवीर कुमार त्रिपाठी।
कार्तिक मास के कृष्ण पझ की त्रयोदशी को धनतेरस के पर्व मनाया जाता है ।इस भगवान धन्वंतरि की विशेष पूजा अर्चना की जाती है।इस बार 29 की अक्टूबर को यह पर्व मनाया जाएगा ।जिसको लेकर आम लोगो से लेकर व्यापारियों तक ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी । जानकारों का कहना है कि भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन के अंत मे कलश लेकर प्रकट हुए थे । आचार्य प0 प्रमोद पांडेय बताते हैं कि जिस दिन भगवान अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे ।उस दिन भी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी थी । तब से लेकर धन्वंतरि भगवान का प्रकटोत्सव मान लिया गया है ।तभी से इस दिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है।भगवान धन्वंतरि को विष्णु भगवान का अवतार ही माना जाता है। इनके पूजन को लेकर श्री पाण्डेय बताते हैं कि विधि वत पूजन गृहस्थ जीवन जीने वालों के लिए ही नही बल्कि व्यापारियों के लिए भी लाभ देने वाला होता है। । चा दी के पात्र के खीर व नैवेद्य चढ़ाकर ,गुलाल रोली पुष्प, पान सुपाड़ी ,आदि चढ़ाकर पूजा अर्चना करे तभी मनवांछित फल की प्राप्ति होती हैं ।