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अलास्का समिट के बाद यूक्रेन के लिए “NATO-स्टाइल” सुरक्षा गारंटी पर चर्चा; अमेरिका शामिल होने को तैयार, औपचारिक डील नहीं बनी

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Bureau Report

अलास्का/वॉशिंगटन। अमेरिका और रूस के बीच अलास्का में हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद यूक्रेन संकट को सुलझाने के लिए एक नया प्रस्ताव सामने आया है। इस प्रस्ताव के तहत यूक्रेन को ऐसी सुरक्षा गारंटी दी जा सकती है, जो NATO की सामूहिक रक्षा व्यवस्था जैसी होगी, लेकिन इसके लिए यूक्रेन को NATO सदस्यता लेना ज़रूरी नहीं होगा।

प्रस्ताव का स्वरूप

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सूत्रों के अनुसार, अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों ने मिलकर यह सुझाव दिया है कि यदि यूक्रेन पर हमला होता है तो साझेदार देश उसकी सुरक्षा के लिए आगे आएंगे। यह गारंटी NATO आर्टिकल-5 जैसी होगी, मगर इसमें NATO की पूर्ण सदस्यता या सैनिक तैनाती का प्रावधान नहीं है।

अमेरिका और यूरोप का रुख

जर्मनी के चांसलर फ़्रीडरिष मर्ज़ ने पुष्टि की कि अमेरिका इस सुरक्षा ढांचे में शामिल होने को तैयार है। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने भी इसे “साझा सुरक्षा का नया मॉडल” बताते हुए समर्थन किया। फ्रांस और अन्य यूरोपीय देशों ने भी संकेत दिया है कि वे इस व्यवस्था में साझेदार बन सकते हैं।

रूस की प्रतिक्रिया

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बैठक के दौरान सीधे इस प्रस्ताव पर सहमति नहीं दी, लेकिन कूटनीतिक संकेत मिले हैं कि रूस इसे NATO विस्तार के विकल्प के रूप में देख सकता है। हालांकि, रूस की प्रमुख मांगें—जैसे कुछ क्षेत्रों से यूक्रेनी सेनाओं की वापसी—अभी भी विवाद का विषय बनी हुई हैं।

क्यों है यह अहम?

यह प्रस्ताव एक संतुलित रास्ता माना जा रहा है। एक ओर यह यूक्रेन को सुरक्षा कवच देगा, वहीं दूसरी ओर रूस की उस आपत्ति को भी ध्यान में रखेगा जिसमें वह NATO विस्तार को लेकर सख़्त विरोध जताता रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि यह पहल युद्धविराम और भविष्य की शांति वार्ता की दिशा में पहला ठोस कदम साबित हो सकती है।

मुख्य बिंदु एक नज़र में

अलास्का समिट में अमेरिका और रूस के बीच हुई अहम चर्चा।

अमेरिका ने यूक्रेन के लिए “NATO-स्टाइल” सुरक्षा गारंटी का समर्थन किया।

NATO सदस्यता नहीं, लेकिन साझेदार देशों की संयुक्त सुरक्षा व्यवस्था।

जर्मनी और इटली ने प्रस्ताव का स्वागत किया।रूस ने प्रत्यक्ष सहमति नहीं दी, लेकिन संवाद की संभावना बनी रही।को ई औपचारिक समझौता या शांति डील अब तक नहीं हुई।

 

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