
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दीपोत्सव, गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव की हार्दिक मंगलकामनाएं देते हुए कहा कि आज पूरे प्रदेश में गोवर्धन पूजा हर्षोल्लास से की जा रही है। हर घर, हर गौ-शाला, हर गांव, वृंदावन है और हम सब गोपाल बन गए हैं। हमारी हर परम्परा और उत्सव में प्रकृति के प्रति आदर और समाज के प्रति उत्तदायित्व समाहित है। गोवर्धन पूजा इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। हमारी संस्कृति ने हमें छोटी से छोटी चीज प्रदान करने वालों के प्रति भी आभार करना सिखाया है। आज हम प्रकृति के उसी दाता स्वरूप को प्रणाम कर रहे हैं। आज के दिन गोवर्धन और गौवंश की पूजा कर हम संसार को प्रकृति, पर्यावरण और पशुधन संवर्धन का संदेश देते हैं। यह सनातन संस्कृति की देन है। यह वास्तव में प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण का उत्सव है। यह हमें स्मरण कराता है कि धरती पर जो भी है, उसके साथ सामंजस्य ही जीवन है। गोवर्धन पूजा ‘जियो और जीने दो’ के विचार और उपलब्ध खाद्य सामग्री एवं संसाधनों को समाज के साथ मिल-बांटकर साझा करने का प्रतीक है। हमारी संस्कृति और परम्पराओं को बचाए रखने की हम सबकी जिम्मेदारी है। राज्य सरकार द्वारा गोवर्धन पूजा का आयोजन इसी उद्देश्य से किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को रवीन्द्र भवन में आयोजित गोवर्धन पूजा के राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
विश्व, प्राकृतिक खेती और जैविक खेती की महत्ता को पुन: कर रहा है स्वीकार
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गौमाता सनातन संस्कृति की आत्मा है। गौमाता के दुग्ध से हमारे शरीर को अमृत मिलता है। भगवान श्रीकृष्ण ने गोपालों की सेना बनाकर पशुधन की रक्षा के लिए बृजवासियों को प्रेरित किया। भगवान श्रीकृष्ण ने लोक संस्कृति एवं सामान्य जनजीवन को बनाए रखने के लिए बाल्यावस्था में अद्भुत लीलाओं से समाज को चमत्कृत कर प्रेरित किया। भगवान श्रीकृष्ण के गोपाल स्वरूप में यह संदेश निहित है कि जो गाय पाले वो गोपाल है। गाय के दूध, गोबर और गौ-मूत्र की महिमा अब वैज्ञानिक रूप से सिद्ध होने लगी है। कैंसर जैसी भयंकर बीमारी में भी गौ-उत्पाद प्रभावी हैं, यह भी सिद्ध हुआ है कि गोबर से लिपे घरों पर विकिरण का प्रभाव कम होता है। खेती में गोबर की खाद की महत्ता से सभी लोग परिचित ही हैं। इसी का परिणाम है कि विश्व, प्राकृतिक खेती और जैविक खेती की महत्ता को पुन: स्वीकार कर रहा है।
सनातन संस्कृति के प्रत्येक त्यौहार में निहित है कई संदेश
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय संस्कृति और परम्पराओं में बेहतर जीवन के कई सूत्र समाहित हैं। योग और आयुर्वेद के सिद्धांत इसी के प्रमाण है। सनातन संस्कृति के प्रत्येक त्यौहार में कोई न कोई संदेश निहित है। राज्य सरकार ने ऐसे त्यौहारों को समाज के साथ मिलकर मनाने की पहल की है, जिन त्यौहारों में संस्कार और संदेश निहित हैं। प्रदेश में समाज के साथ परम्परानुसार मिल-जुलकर त्यौहार मनाने का यह दूसरा वर्ष है। गोवर्धन पूजा फसल कटने और नई फसल की शुरूआत का समय है। इस घड़ी को उत्साह और उल्लास के साथ मनाने से समाज में नई ऊर्जा का संचार होता है। गोवर्धन पर अन्नकूट का आयोजन भी इसी आनंद का भाग है।








