बिजली विभाग की ठेका कम्पनी ओरिएंटल इंटीग्रेटेड प्राइवेट लिमिटेड द्वारा लंबे समय से की जा रही वेतन की कटौती को लेकर बिजली विभाग के ठेका कर्मचारियों ने दिया ज्ञापन

रिपोर्ट – गणेश पाण्डेय
डिंडोरी। जिले के बिजली विभाग में कार्यरत ठेका कर्मियों (मीटर वाचकों) ने विभाग की ठेका कंपनी ओरिएंटल इंटीग्रेटेड प्राइवेट लिमिटेड पर वेतन विसंगतियों को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। मीटर वास्को का कहना है कि विगत 5 6 महीना से लगातार ठेका कंपनी द्वारा बिना किसी वजह के मनमाने तरीके से वेतन की कटौती की जा रही है इसके संबंध में पहले भी कई बार पत्राचार किया जा चुका है लेकिन सुधार होने के स्थान पर इस वेतन में बहुत अधिक कटौती की गई है। इसके संबंध में पूर्व में भी अधीक्षण अभियंता से निवेदन किया गया था लेकिन उनके द्वारा कोई संतोष प्रद जवाब नहीं दिया गया। उल्टे उन्होंने कार्यरत कर्मचारी की योग्यताओं पर सवाल उठाया और विगत कई वर्षों से कार्य कर रहे कर्मचारियों से योग्यता और डिग्री संबंधी दस्तावेज उपलब्ध कराने की बात कही। उनके द्वारा कहा गया कि यदि आप दस्तावेज उपलब्ध नहीं करते हैं और वर्तमान में अर्ध कुशल कर्मचारी के रूप में काम कर रहे हैं तो आपको अकुशल कर्मचारी का वेतन दिया जाएगा। इस बात को स्वीकार कर कर्मचारी लगातार विभाग को सेवा देते रहे। इसके बाद भी ठेका कंपनी द्वारा लगातार वेतन में अवैध रूप से कटौती की जाती रही। शासन द्वारा निर्धारित कुशल, अर्ध कुशल, अकुशल श्रमिकों के लिए वेतन भुगतान के लिए जो दिशा निर्देश जारी किए गए हैं उनका पालन तो कभी हुआ ही नहीं। मनमाने तरीके से लगातार वेतन कटौती किए जाने के बाद विभाग और ठेका कंपनी लगातार एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए अपना पल्ला झाड़ते रहे । लेकिन इन सब में सबसे ज्यादा नुकसान गरीब श्रमिकों का होता रहा। विभाग द्वारा लगातार ठेका श्रमिकों पर दबाव बनाते हुए कहा गया कि यदि आप लोग शिकायत करते हो तो आप लोगों को कार्य से बाहर कर दिया जाएगा।
बाह्य स्रोत कर्मचारियों ने बताया कि पूर्व में भी मई 2023 और 11 जनवरी 2024 को दिए गए आवेदन में वेतन कटौती के संबंध में निवेदन किया गया था जिस पर ना तो विभाग ने और ना ही ठेका कंपनी ओरिएंटल के द्वारा कोई भी संतोष पर जवाब नहीं मिला ना ही किसी प्रकार वेतन विसंगतियां पर उचित कार्रवाई की गई। वर्तमान में दिसंबर के वेतन में ओरिएंटल कंपनी द्वारा मनमाने तरीके से वेतन में बहुत अधिक कटौती की गई है जो श्रम कानून का खुलेआम उल्लंघन है और श्रम विभाग के आदेश के अनुसार न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया गया । कर्मचारियों द्वारा निवेदन किया गया है कि यदि 15 दिवस के अंदर अवैध रूप से काटे गए वेतन की राशि कर्मचारियों के खाते में वापस नहीं आती है तो मध्य प्रदेश बाह्य स्रोत विद्युत कर्मचारी संगठन माननीय न्यायालय की शरण लेने, तत्काल विभाग का काम रोकने तथा उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जाएगा जिसकी पूर्ण रूप से जिम्मेदारी विद्युत विभाग के ठेका कंपनी ओरिएंटल इंटीग्रेटेड प्राइवेट लिमिटेड तथा मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड की होगी। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों द्वारा काम रोके जाने के कारण यदि विभाग को किसी भी प्रकार की राजस्व हानि होती है तो उसके लिए भी पूरी तरह ठेका कंपनी और वितरण कंपनी जिम्मेदार होगी।