जिले के इतिहास में पहली बार शाहपुर परिषद ने की निष्पक्ष कार्यवाही, अतिक्रमण कर बनाए पक्के भवन पर चलाया बुलडोजर

रिपोर्ट डॉ. आनंद दीक्षित
भाजपा के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र तिवारी के बरसों पुराने ऑफिस को भी किया ध्वस्त, पूर्व निगम अध्यक्ष तारवाला सहित कई नेताओं की नेतागिरी भी नहीं आई काम
बुरहानपुर। जिले में कई वर्षों से अतिक्रमण कर पक्के भवन बनाने का रिवाज चल पड़ा है। कुछ स्थानीय नेता अपनी नेतागिरी की आड़ में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर पक्के भवन बनाकर उसे किराए पर देकर किराया वसूल करते हैं। इसी प्रकार के एक प्रकरण में शाहपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग से लगी बेशकीमती शासकीय भूमि पर वर्षों से अतिक्रमण कर पक्के भवन बना कर उन्हें किराए पर देकर धन उपार्जन का साधन बना लिया गया था। विगत दिनों शाहपुर नगर पंचायत द्वारा शाहपुर के पूर्व अध्यक्ष युवराज महाजन एवं उनके भाई द्वारा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए भवन को बुलडोजर से जमीदोष कर दिया गया।
आपको बतादे जैसे ही युवराज महाजन एवं उनके भाई के शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए भवन को स्वय हटाने का नोटिस शाहपुर परिषद ने जारी किए जैसे भूचाल आ गया। आरोप प्रत्यारोपो का दौर शुरू हो गया। बस मकसद एक था किसी भी तरह से भूमि अतिक्रमण मुक्त न हो पाए। आखिर अतिक्रमणकारी कोई आम आदमी नहीं अपितु भाजपा से शाहपुर के पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष थे। इतना ही नहीं अतिक्रमणकारी भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के कृपापात्र भी रहे हैं। साथ ही भाजपा के बागी उम्मीदवार के समर्थन मे खुल कर भाजपा के उम्मीदवार के विरुद्ध झंडा उठा कर भी चले थे। ताबड़तोड़ भाजपा के बागी निर्दलीय चुनाव लडे हर्षवर्धन सिंह चौहान की अगुवाई में मनोज तारवाला, राजीव जोशी, रमेश पाटीदार सहित कई नेता बुरहानपुर की ओर कूच कर कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाने चल दिए। कही से भी कोई आश्वासन नहीं मिला तो मुख्यमंत्री से मुलाकात कर शिकायत की बात कर बैरंग लौट गए।
हर्षवर्धन के साथ जाने वालो को इस बात का डर सता रहा था की कही अगली बारी हमारी तो नहीं। हम बात करे मनोज तारवाला की तो जग जाहिर हैं उनका ऑफिस जिस भवन में बना हैं वह भी पूरी तरह से अवैध हैं। जिसकी शिकायत वरिष्ठ पत्रकार एवं कूचीकार हेमराज रघुवंशी द्वारा की गई हैं। उस भवन की ना ही टी एंड सीपी से कोई अनुमति ली गई हैं और न ही नगर निगम से भवन अनुज्ञा प्राप्त की हैं। इतना ही नहीं टी एंड सीपी ने तो इस अवैध भवन पर नियमानुसार कार्यवाही हेतु जिला कलेक्टर एवं निगमायुक्त को पत्र भी जारी कर दिए हैं। इसी तरह अमरावती राष्ट्रीय राज मार्ग पर बनी एक होटल हैं उसका सीमांकन पूर्व निगम आयुक्त भूमरकर द्वारा किया जा चुका हैं, जिसमे उस भवन का बहुत बड़ा हिस्सा नियम विरुद्ध बनाया गया हैं। इसी तरह कुछ दिन पूर्व लालबाग रोड़ पर बनी होटल एवं मंगल भवन भी निगम अनुमति के विरुद्ध संचालित किया जा रहा हैं। जिसे निगम द्वारा सूचना पत्र भी दिया गया हैं की बिना अनुमति होटल एवं मंगल भवन शुरू न करें। प्रतिनिधि मंडल के अन्य काली टोपी वाले साथी द्वारा बनाया गया आवासीय भवन भी नियम विरुद्ध बनाया गया हैं। उस पर भी तलवार लटक रही हैं। इस प्रकार जितने भी नेतागिरी कर अतिक्रमण के विरुद्ध जारी कार्यवाही रोकने गए कही न कही उनका अपना स्वार्थ सिद्ध करने की मंशा से गए थे। आपको बता दे जमीदोष किए गए भवन में भाजपा के जिला उपाध्यक्ष एवं नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती साधना तिवारी के पति का ऑफिस भी संचालित हो रहा था। जिसे खाली करा कर बुलडोजर चलाना नगर परिषद द्वारा की गई निष्पक्ष कार्यवाही को दर्शाता है।
अब देखना हैं की क्या बुरहानपुर में भी राष्ट्रीय राज मार्ग से लगे भवनों की जांच कर कार्यवाही होगी या यूंही अतिक्रमण हटाने की मुहिम ठंडे बस्ते में चली जायेगी।